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दो किलो आटा, 300 ग्राम दाल में बना दिया 30 बच्चों का खाना; स्कूलों में मिड डे मिल का बुरा हाल

Written by Gaurav Singh

दो किलो आटा, 300 ग्राम दाल में बना दिया 30 बच्चों का खाना; स्कूलों में मिड डे मिल का बुरा हाल

वाराणसी, ज्यादातर बेसिक स्कूलों में मध्याह्न भोजन (एमडीएम) योजना के संचालन का बुरा हाल है। मानक ताक पर रख दिए गए हैं और मेन्यू के हिसाब से छात्र-छात्राओं को एमडीएम नहीं दिया जा रहा है।

जिले के 1143 बेसिक स्कूलों में 1.72 लाख छात्र-छात्राएं अध्ययन करते हैं। इनके लिए सरकार की ओर से दोपहर में पके-पकाए भोजन की व्यवस्था की गई है। बनारस के तीन ब्लॉकों में अक्षय पात्र एजेंसी के जरिये बच्चों को मिड डे मील उपलब्ध कराया जाता है, जबकि शेष ब्लॉकों में विद्यालय में ही रसोइया की मदद से भोजन बनाने की व्यवस्था है।

विद्यालयों में मिड-डे-मील वितरण में लापरवाहियां उजागर हुई हैं। गत दिनों जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने विशोखर प्राथमिक विद्यालय की जांच की तो पता चला कि विद्यालय में तकरीबन पखवारे भर से बच्चों के लिए नियमित एमडीएम नहीं बना। उस दिन प्रधानाध्यापक ने 30 बच्चों के लिए दो किलो आटा और 300 ग्राम दाल मंगाकर दाल-रोटी बनवा दी थी।
रसोइए ने बताया कि गैस सिलिंडर नहीं है, चूल्हे पर उपले से एमडीएम बनाया है। विद्यालय में 200 किलो गेहूं और 200 किलो चावल सड़े हालत में मिला। इसके अलावा विद्यालय में और खामियां भी मिलीं। इस पर बीएसए ने प्रधानाध्यापक ओमप्रकाश सिंह को निलंबित कर बीआरसी से संबद्ध कर दिया।

कंपोजिट विद्यालय मडांव में एमडीएम में मेन्यू के मुताबिक दाल-रोटी के बजाय तहरी देने की बात कही गई, लेकिन विद्यालय के प्रधानाध्यापक एमडीएम का सैंपल नहीं दे पाए। एमडीएम में लापरवाही समेत अन्य कमियों के मद्देनजर बीएसए ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक को 22 सितंबर तक स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। अन्यथा की स्थिति में निलंबित करने की चेतावनी दी है।

केस-1
काशी विद्यापीठ ब्लॉक का प्राथमिक विद्यालय विशोखर। एमडीएम का दो क्विंटल गेहूं और दो क्विंटल चावल रखे-रखे सड़ गया, मगर बच्चों के लिए नहीं बनाया गया। 15 दिन से बेपटरी एमडीएम बना भी तो दो किलो आटा और 300 ग्राम दाल में 30 बच्चों के लिए भोजन तैयार करा दिया गया। प्रधानाध्यापक निलंबित कर दिए गए।

केस- 2
काशी विद्यापीठ ब्लॉक का कंपोजिट विद्यालय मडांव। 143 बच्चों के लिए दोपहर के भोजन में तहरी बनवाकर दी गई, जबकि मेन्यू के हिसाब से विद्यार्थियों को दोपहर के भोजन में दाल-रोटी दी जानी थी। विद्यालय के प्रधानाध्यापक मांगने पर एमडीएम का सैंपल भी उपलब्ध नहीं करवा पाए। प्रधानाध्यापक से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

क्या बोले अधिकारी
विद्यालयों के निरीक्षण में एमडीएम समेत कई अन्य खामियां मिली हैं। इस पर प्राथमिक विद्यालय विशोखर के प्रधानाध्यापक के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई और कंपोजिट विद्यालय मडांव के प्रधानाध्यापक से स्पष्टीकरण मांगा गया है। -डॉ. अरविंद पाठक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, वाराणसी
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