69000 teacher recruitment in Up :- सुप्रीम कोर्ट में OBC के बाद अब जनरल अभ्यर्थियों ने लगाई गुहार
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी सरकार को शिक्षक भर्ती में नए सिरे से मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद सरकारी शिक्षकों में खलबली मच गई है। ओबीसी और जनरल वर्ग के अभ्यर्थियों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई है।
उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद जिलों में लगातार आंदोलन चल रहे हैं। हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट नए सिरे से जारी करने का आदेश दिया है। अब यह केस सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। जनरल अभ्यर्थियों की तरफ से विनय पांडेय और शिवम पांडेय ने सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। ओबीसी अभ्यर्थियों ने पहले ही सुप्रीम कोर्ट में कैविएट डाल दी थी। इस तरह शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की गई हैं।
ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट इसलिए डाली है ताकि शीर्ष अदालत कोई फैसला देने से पहले उनका पक्ष भी सुने। इस याचिका में मांग की गई है कि अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों के समायोजन की स्थिति में हाई कोर्ट में याचिका दायर करने वाले 4 हजार ओबीसी अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिले, नहीं तो वे अनारक्षित वर्ग के समायोजन का विरोध करेंगे। आपको बता दें कि 2019 में योगी सरकार ने 69 हजार शिक्षकों की भर्ती की थी।
योगी सरकार ने शुरू किया मंथन
इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के बाद यूपी सरकार ने मंथन शुरू कर दिया है। इस मसले का हल निकालने के लिए गत 17 अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी। इसमें उन्होंने बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सभी जरूरी दस्तावेज के साथ बुलाया गया था ताकि सभी मसले का स्थाई हल निकाला जा सके और किसी भी अभ्यर्थी का नुकसान भी न हो। इस बारे में कानूनी सलाह के लिए महाधिवक्ता और अन्य कानूनी विशेषज्ञों को भी बुलाया गया।