Primary ka master: स्कूल बने बाढ़ पीड़ितों का ठिकाना, एक कक्ष में बैठाए जा रहे दो-दो कक्षाओं के बच्चे
गंगा के उफान ने जिले की बुनियादी शिक्षा को भी झटका दिया है। तटवर्ती इलाकों के कई स्कूलों की दहलीज तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है और कई बेसिक स्कूल बाढ़ राहत केंद्र बना दिए गए हैं। बाढ़ राहत केंद्र बनाए गए विद्यालयों में पढ़ाई-लिखाई बेपटरी हो गई है। बुधवार को अमर उजाला ने बाढ़ राहत केंद्र बने बेसिक स्कूलों की पड़ताल की तो चौंकाने वाली हकीकत सामने आई।पंचक्रोशी-कपिलधारा रोड स्थित प्राथमिक विद्यालय सलारपुर में 520 बच्चे पंजीकृत हैं। इस विद्यालय को बाढ़ राहत केंद्र बनाया गया है। दो फ्लोर वाले विद्यालय भवन में नीचे के चार और ऊपर के दो कमरों को बाढ़ प्रभावितों को दिया गया है। ऊपर के तीन कमरों में सभी बच्चों को शिफ्ट कर दिया गया है। सत्रीय परीक्षाओं के दौरान भी एक कक्ष में दो-दो कक्षाओं के बच्चों को बैठाया जा रहा है।
सबसे ज्यादा परेशानी शौचालय को लेकर आई। कहने को यहां पांच शौचालय हैं, लेकिन 200 बाढ़ प्रभावित लोगों के लिहाज से शौचालय कम पड़ गए हैं। स्कूल के बच्चों को पास के एक विद्यालय में शिफ्ट करने का आग्रह किया गया, लेकिन उस विद्यालय ने जगह कम होने का हवाला देते हुए असमर्थता जता दी।
प्राथमिक विद्यालय सरैया को 140 बाढ़ पीड़ितों का ठिकाना बनाया गया है। यहां बुधवार को कक्षाएं ही नहीं चलीं। पूछने पर वहां मौजूद एक कर्मचारी ने बताया कि बाढ़ राहत केंद्र बनने के कारण विद्यालय बंद कर दिया गया है। जबकि शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सरैया विद्यालय के बच्चों को पास के मदरसे में शिफ्ट किया गया है। मगर, मदरसे को भी बाढ़ राहत केंद्र बनाया गया है, इसलिए वहां भी पढ़ाई-लिखाई बेपटरी दिखी।
कुछ ऐसी ही स्थिति ढेलवरिया प्राइमरी स्कूल में रही। चिरईगांव विकास खंड के रामपुर, चांदपुर प्राथमिक विद्यालय तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है। रामपुर विद्यालय को बाढ़ राहत केंद्र बना दिया गया है। बच्चों को वहां से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर छितौना प्राथमिक विद्यालय में शिफ्ट किया गया है। इससे वहां बच्चे काफी कम संख्या में पहुंचे।
क्या बोले अधिकारी
कुछ विद्यालयों को बाढ़ राहत केंद्र बनाया गया है। वहां के बच्चों को पास के अन्य विद्यालयों और मदरसों आदि में शिफ्ट कर दिया गया है। जल्द ही बाढ़ का पानी घटने की उम्मीद है। एक-दो दिनों में बाढ़ घटने पर स्थिति पूरी तरह ठीक हो जाएगी। -डॉ. अरविंद पाठक, बीएसए वाराणसी