बच्चों को स्कूल न भेजा तो वापस करना होगा डीबीटी का पैसा, हो सकती है रिकवरी, 50 प्रतिशत से कम उपस्थिति सैलरी रोकने आदेश
स्कूल न जाने के चलते बच्चे की पढ़ाई का नुकसान तो हो ही रहा है। अब आपको डायरेक्ट बेनिफ़िट ट्रांसफ़र के जरिए मिली राशि भी वापस करनी पड़ सकती है। अब आपको या तो बच्चे को स्कूल भेजना होगा या फिर शासन से प्राप्त डीबीटी के पैसे की रिकवरी की जाएगी
अगर आपका बच्चा सरकारी स्कूल में पढ़ता है और काफी लंबे समय से स्कूल से गैर हाजिर चल रहा है तो यह खबर आपके लिए चिंता भरी है। स्कूल न जाने के चलते बच्चे की पढ़ाई का नुकसान तो हो ही रहा है, अभिभावक को डायरेक्ट बेनिफ़िट ट्रांसफ़र (डीबीटी) के जरिए मिली राशि भी वापस करनी पड़ सकती है। अब आपको या तो बच्चे को स्कूल भेजना होगा या फिर शासन से प्राप्त डीबीटी के पैसे की रिकवरी की जाएगी। रामपुर में इसको लेकर सीडीओ ने बेसिक शिक्षा विभाग को आदेश जारी किए है। साथ ही विद्यालयों में किसी स्कूल में 50 प्रतिशत से कम उपस्थिति रहने पर पूरे स्टॉफ की सैलरी रोक देने का भी आदेश है।
रामपुर के मुख्य विकास अधिकारी नंदकिशोर कलाल की अध्यक्षता में मंगलवार को विकास भवन सभागार में शिक्षा विभाग के बिंदु से संबंधित जिला शिक्षा अनुश्रवण समिति की बैठक हुई। इसमें जिले के विद्यालयों में नामांकित छात्रों के हिसाब से अच्छी उपस्थिति सुनिश्चित करने को लेकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए गए। बैठक में कहा गया कि दो दिन के अंदर ऐसे विद्यार्थियों को चिन्हांकित किया जाए जो लंबे समय से गैरहाजिर चल रहे हैं। उनके अभिभावकों को चेतावनी जारी करते हुए शासन से प्राप्त डीबीटी के पैसे की रिकवरी की जाए। साथ ही कहा कि अनुपस्थित रहने वाले बच्चों के अभिभावकों से डोर-टू-डोर संपर्क स्थापित करते हुए बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए उन्हें प्रेरित भी किया जाए
दरअसल, यूपी सरकार स्कूलों में उपस्थिति बढ़ाने पर लगातार जोर दे रही है। सरकारी स्कूलों में बेहतर पठन-पाठन का माहौल सुनिश्चित करने के लिए इधर काफी सख्ती बरती जा रही है। बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में उपस्थिति बढ़ाने के लिए शिक्षकों और स्टॉफ ने पूरा जोर लगा रखा है। इस बीच प्रशासन भी अपने स्तर पर शासन की मंशा के अनुरूप स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने की कोशिशों में जुटा है।