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कक्षा एक की छात्रा को कमरे में बंद कर चली गई प्रधानाध्यापिका, रोने की आवाज सुन पहुंचे ग्रामीण

Written by Gaurav Singh

कक्षा एक की छात्रा को कमरे में बंद कर चली गई प्रधानाध्यापिका, रोने की आवाज सुन पहुंचे ग्रामीण

ग्रामीणों ने बच्ची से बाहरी खिड़की खोलने की बात कही तो बच्ची ने जैसे तैसे खिड़की खोल दी। जिससे बच्ची को कुछ राहत महसूस हुई। इस दौरान ग्रामीणों ने बीएसए आशा चौधरी को पूरे मामले से अवगत करा दिया।

 

मेरठ स्थित बहसूमा क्षेत्र के गांव अकबरपुर सादात के प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका अनिता रानी की घोर लापरवाही का खामियाजा शनिवार को कक्षा एक की बच्ची नैना (छह वर्ष) को ढाई घंटे तक बंद कमरे में तन्हाई की रूप में झेलना पड़ा। गनीमत रही कि स्कूल परिसर से सटे मंदिर परिसर में हो रही रामायण का पाठ सुनकर घरों को लौट रहे ग्रामीणों को बच्चे के रोने की आवाज सुनकर बंद कमरे में होने का पता चला।

ग्रामीणों ने बच्ची से जैसे तैसे खिड़की खुलवाकर राहत की सास दी। ग्रामीणों ने प्रधानाध्यापिका की घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया। जानकारी पर पहुंची थाना प्रभारी इंदु कुमारी व एबीएसए मवाना ने ग्रामीणों को जैसे तैसे शांत कर बच्ची को कमरे का ताला खुलवाकर कमरे से बाहर निकाला। एबीएसए ने प्रधानाध्यापिका को तत्काल प्रभाव से निलंबन करने की संस्कृति कर दी है।

मवाना एबीएसए त्रिवेंद्र कुमार ने बताया कि गांव अकबरपुर सादात में प्राथमिक विद्यालय नंबर एक मे 150 छात्र पंजीकृत व एक प्रधानाध्यापिका अनीता रानी व तीन अध्यापक एक सहायक अध्यापक तैनात हैं। शनिवार को प्रधान अध्यापिका अनीता रानी विद्यालय की छुट्टी के बाद कमरों का ताला बंद कर चली गई। लगभग 3:40 बजे स्कूल पीछे मंदिर परिसर से रामायण का पाठ सुनकर घरों को लौट रहे ग्रामीणों को कमरे से बच्चे के रोने की आवाज सुनाई पड़ी। बच्ची के रोने चीखने की आवाज पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। कमरा चारों तरफ से बंद होने की वजह से कुछ पता नहीं चल पा रहा था।

 

 

ग्रामीणों ने बच्ची से बाहरी खिड़की खोलने की बात कही तो बच्ची ने जैसे तैसे खिड़की खोल दी। जिससे बच्ची को कुछ राहत महसूस हुई। इस दौरान ग्रामीणों ने बीएसए आशा चौधरी को पूरे मामले से अवगत करा दिया। ग्रामीणों ने हंगामा काटना शुरू कर दिया। जानकारी पर पहुंची थाना प्रभारी इंदु कुमारी व एबीएसए ने लोगों को शांत करने की कोशिश की। लेकिन ग्रामीण बीएसए को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़ गए। काफी देर हुए हंगामा के बाद करीब ढाई घंटे 4:30 पर थाना प्रभारी ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि पहले बच्ची को बहार निकाला जाएगा। ताला खोलकर बच्ची को बाहर निकलवाया गया।

 

बच्ची सबसे पहले अपने पिता राहुल की गोद में चिपक गई। ग्रामीणों ने प्रधानाध्यापिका पर गांव में राजनीति करने का आरोप लगाया। इस घोर लापरवाही पर सस्पेंड करने की कार्रवाई करने की मांग की गई। एबीएसए तिरुवेंद्र कुमार ने बताया कि प्रधानाध्यापिका अनीता रानी को तत्काल प्रभाव से निलंबन की कार्रवाई की संस्कृति एबीएसए मेरठ को भेज दी है।

 

बीएसए मेरठ आशा चौधरी ने बताया कि प्रधान अध्यापिक अनीता रानी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। कोई भी स्कूल में शिक्षक लापरवाही बरतेगा उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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