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Manav Samprada: मानव संपदा पर गांव में दिखे शहर के स्कूल समायोजन पर रार, दूर फेंके जाने के डर से कोर्ट की शरण में शिक्षक

Written by Gaurav Singh

Manav Samprada: मानव संपदा पर गांव में दिखे शहर के स्कूल समायोजन पर रार, दूर फेंके जाने के डर से कोर्ट की शरण में शिक्षक

 

प्रयागराज, परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के जिले के अंदर समायोजन को लेकर शहरी और ग्रामीण क्षेत्र का झगड़े ने तूल पकड़ लिया है। तकरीबन पांच साल पहले शहरी सीमा में शामिल किए गए स्कूल मानव संपदा पोर्टल पर अब तक ग्रामीण क्षेत्र में प्रदर्शित होने पर शिक्षकों ने आपत्ति की है। चूंकि परिषदीय स्कूलों में शहर व ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षकों का कैडर अलग होता है इसलिए शिक्षकों ने आपत्ति की है जब वे शहरी सीमा में कार्यरत हैं तो उन्हें ग्रामीण क्षेत्र में मानकर समायोजन कैसे किया जा सकता है क्योंकि दोनों कैडर के शिक्षकों का तबादला या समायोजन उसी क्षेत्र के स्कूल में हो सकता है। इसलिए नियमतः विस्तारित क्षेत्र के परिषदीय स्कूल में कार्यरत शिक्षकों को भी नगर क्षेत्र के कैडर में शामिल कर लेना चाहिए था। गोरखपुर के शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका कर दी है जिस पर सरकार से जवाब तलब किया है तो वहीं प्रयागराज

के शिक्षक भी कोर्ट जाने की तैयारी में हैं। 2019 के अंत में प्रयागराज गोरखपुर समेत 12 जिलों की नगर निगम सीमा में विस्तार हुआ था। उसके बाद से विस्तारित क्षेत्र में न सिर्फ वार्डों का गठन हुआ। पार्षदों का चुनाव तक हो चुका है। मामले में गोरखपुर के बीएसए ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव से छह जुलाई को मार्गदर्शन भी मांगा था ।

■ प्रदेश के 12 नगर निगम की सीमा का 2019 में हुआ था विस्तार

■ परिषदीय स्कूलों में गांव व शहर का है कैडर अलग

■ गोरखपुर के शिक्षकों ने कोर्ट में की याचिका

• प्रयागराज के ।शिक्षक भी हाईकोर्ट में याचिका दायर करने जा रह

दूर फेंके जाने के डर से कोर्ट की शरण में शिक्षक

शहरी सीमा में आ चुके स्कूलों के शिक्षकों को दूर फेंके जाने का डर सता रहा है। यही कारण है कि शिक्षकों की ओर से हाईकोर्ट में याचिकाएं की जा रही है। उदाहरण के तौर पर प्रयागराज में ही चाका के शिक्षक को सीमावर्ती कोरांव या झुंसी में कार्यरत शिक्षक को हंडिया भेज दिया गया तो दूरी बढ़ जाएगी। जबकि शहरी सीमा में बमुश्किल 15 से 20 किमी की दूरी तक जाना होगा।

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