Primary ka master

Primary ka master: 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों में लटक सकता है ताला, आदेश के बाद शिक्षकों में खलबली मची

Written by Gaurav Singh

Primary ka master: 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों में लटक सकता है ताला, आदेश के बाद शिक्षकों में खलबली मची

मैनपुरी। बेसिक शिक्षा विभाग में 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को चिन्हित किया जा रहा है। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने संबंधित स्कूलों की सूची मांगी है। विभागीय सूत्रों की मानें तो विभाग ने 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को बंद करने की तैयारी शुरू कर दी है। विभाग के इस आदेश के बाद शिक्षकों में खलबली मची हुई है।

 

छात्रों की कम हो रही संख्या को लेकर शासन ने नाराजगी प्रकट की है। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने बीएसए को पत्र भेजकर 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों की जानकारी मांगी है। विभागीय सूत्रों की मानें तो शासन को निर्णय है कि 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को बंद कराकर वहां के छात्र-छात्राओं को नजदीकी स्कूलों में भेजा जाएगा। इसी उद्देश्य के तहत विभाग से जानकारी मांगी गई है। विभाग का पत्र प्राप्त होते ही बीएसए ने खंड शिक्षाधिकारियों से अपने क्षेत्र के 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों की सूची उपलब्ध कराने को कहा है।

छात्रों की पढ़ाई भी हो सकती है प्रभावित

विभाग का आदेश छात्र-छात्राओं के लिए परेशानी भरा भी हो सकता है। जिले में 100 से अधिक स्कूल ऐसे हैं जहां छात्र संख्या 50 से कम है। लेकिन ये वो स्कूूल हैं जहां आस-पास एक किमी की दूरी में कोई स्कूल नहीं है। इन गांवों का रास्ता भी उचित नहीं है। यदि इन गांवों के स्कूलों को बंद किया जाता है तो यहां के नौनिहालों को दो से तीन किमी दूरी पर स्कूल में समायोजित किया जाएगा। जहां इनका पहुंचना संभव नहीं होगा।

यह है छात्र-शिक्षक का मानक

प्राइमरी स्कूलों में निर्धारित मानक के अनुसार 30 बच्चों पर एक शिक्षक, 45 बच्चों पर दो शिक्षक, 60 बच्चों पर तीन शिक्षक, 75 बच्चों पर चार तथा 90 बच्चों पर पांच शिक्षकों की नियुक्ति होनी चाहिए। देखा जाए तो यह मानक जिले के अधिकांश प्राइमरी स्कूलों में नहीं है।

विभाग से 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों की सूची मांगी गई है। खंड शिक्षाधिकारियों को सूची तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। फिलहाल स्कूल बंद करने का कोई लिखित आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। आगे शासन का जैसा आदेश मिलेगा उसका पालन किया जाएगा।

दीपिका गुप्ता, बीएसए

About the author

Gaurav Singh

Leave a Comment