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प्राथमिक विद्यालय में स्कूल अधपके चावल अैर गंदगी देखकर भड़क गईं आईएएस अफसर, प्रधानाचार्य निलंबित

Written by Gaurav Singh

प्राथमिक विद्यालय में स्कूल अधपके चावल अैर गंदगी देखकर भड़क गईं आईएएस अफसर, प्रधानाचार्य निलंबित

विकास खंड के गांव नरऊ बुजुर्ग के प्राथमिक विद्यालय में डीएम निधि श्रीवास्तव ने औचक निरीक्षण किया। यहां उन्हें विद्यालय में 175 में 138 विद्यार्थी उपस्थित मिले। वहीं नाली में जलभराव और हैंडवॉश बंद मिला। डीएम ने मिड डेमील का भोजन देखा तो चावल बने नहीं थे। दूध भी नहीं बांटा गया था। नए बर्तन प्रधानाध्यापक कक्ष में बंद थे।

जिले की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए प्रयासरत डीएम निधि श्रीवास्तव प्रतिदिन स्कूलों का निरीक्षण कर रही हैं। शुक्रवार को वह जगत विकास खंड के गांव नरऊ बुजुर्ग के विद्यालय पहुंचीं। जहां निरीक्षण के दौरान विद्यार्थियों की कम संख्या और अव्यवस्थाओं को देख वह भड़क गईं। उन्होंने बीएसए को कार्रवाई के निर्देश दिए। इस पर बीएसए ने प्रधानाचार्य को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही खंड शिक्षा अधिकारी उझानी को विभागीय जांच के निेर्देश दिए हैं।


डीएम ने किया औचक दौरा
विकास खंड जगत के गांव नरऊ बुजुर्ग के प्राथमिक विद्यालय में अपराह्न करीब 11:20 बजे डीएम निधि श्रीवास्तव ने औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान विद्यालय में बच्चों की संख्या कम पाई गई। नामांकित 175 विद्यार्थियों में 138 विद्यार्थी उपस्थित पाये गये। वहीं विद्यालय में बना हुआ मल्टीपल हैंडवॉश बंद था। विद्यालय की नाली में जलभराव पाया गया। विद्यालय के पट पर छात्र-छात्राओं की उपस्थिति का विवरण एवं दीवार पर जनपद स्तरीय अधिकारियों के नाम व संपर्क सूत्र अंकित नहीं थे।

भोजन नहीं था गुणवत्तापूर्ण

वहीं मध्यान्ह भोजन योजना के अंतर्गत छात्र-छात्राओं के लिये बन रहा भोजन गुणवत्तापूर्ण नहीं पाया गया, तहेरी के चावल अधपके थे। दोपहर 11:45 बजे तक भोजन का वितरण नहीं किया गया और न ही मैन्यू के अनुसार विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को दूध उपलब्ध हो पाया।

नवीन बर्तन प्रधानाध्यापिका के कार्यालय कक्ष में रखे पाये गये, जबकि उनका प्रयोग मध्यान्ह भोजन वितरण में किया जाना चाहिए। क्रय किये गये बर्तनों के संबंध में प्रधानाध्यापिका से बर्तन कब खरीदे गये के प्रश्न पर प्रधानाध्यापिका द्वारा कोई बिल बाउचर प्रस्तुत नहीं किया जा सका। साथ ही विभिन्न कक्षा के छात्र-छात्राओं से उनके ज्ञान स्तर के संबंध में वार्ता करने पर बच्चों के शैक्षिक स्तर में सुधार की आवश्यकता पाई गई।

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