69000 Shikshak latest update: हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब 69000 उम्मीदवारों से अब लोन रिकवरी बैंक ने निर्देश किया जारी
69000 Shikshak latest update: हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद 69000 शिक्षकों अब तनाव। सहायक शिक्षक मामले में जिन बैंकों ने उम्मीदवारों को लोन दियाथा, अब उसकी रिकवरी करने का निर्देश जारी किया है. हाईकोर्ट के भर्तियों पर आए फ़ैसले पर बैंकों ने अपने स्तर लिए गए लोन रिकवरी की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया है.
गौरतलब है कि 69 हजार शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने मंगलवार से राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) का घेराव कर आंदोलन शुरू किया है.आरक्षित श्रेणी के यह अभ्यर्थी जल्द नई मेरिट सूची तैयार कर भर्ती कार्यक्रम जारी करने की मांग कर रहे हैं. ये सभी हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने की मांग कर रहे हैं.
वहीं 69000 शिक्षक भर्ती मामले में हाईकोर्ट के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने भी ऐलान कर दिया कि है कि वह हाईकोर्ट के फैसले का पालन करेगी, 3 महीने में शिक्षकों की एक नई मेरिट लिस्ट जारी होगी. अब सवाल उन शिक्षकों के भविष्य पर भी खड़ा हो गया है जो इस भर्ती परीक्षा में मेरिट में जगह पाने के बाद 4 साल से नौकरी कर रहे हैं.
जानिए कोर्ट ने क्या आदेश दिया
यूपी में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में 16 अगस्त 2024 को हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कोर्ट की डबल बेंच ने सहायक शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द कर दी. साथ ही सरकार को आरक्षण नियमावली 1994 की धारा 3(6) और बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 का पालन करने का आदेश दिया. दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा का परिणाम नए सिरे से जारी करने का आदेश दिया. अब बेसिक शिक्षा विभाग को 3 महीने में नई चयन सूची जारी करनी होगी. वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस आदेश से यूपी सरकार को बड़ा झटका लगा है. नई चयन सूची तैयार होने से पिछले 4 सालों से नौकरी कर रहे हजारों शिक्षकों की नौकरी चली जाएगी.
69 हजार शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण अनियमितता का मामला लंबे समय से हाईकोर्ट में लंबित था. शिक्षक भर्ती में 19 हजार सीटों के आरक्षण को लेकर अनियमितता के आरोप लगे थे. इसमें विसंगतियों का आरोप लगाते हुए कई लोग कोर्ट गए थे. 69 हजार शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण अनियमितता का मामला लंबे समय से हाईकोर्ट में लंबित था. हाईकोर्ट ने 69000 सहायक शिक्षकों की मौजूदा सूची को गलत मानते हुए मेरिट सूची को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को 3 महीने के अंदर नई मेरिट लिस्ट तैयार करने का आदेश दिया है. इसमें आरक्षण के नियमों और बेसिक शिक्षा नियमावली के तहत करने के आदेश दिए गए हैं।