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Smart Class: अब स्मार्ट क्लास के जरिए छात्रों को समझने में शिक्षकों को भी आसानी, दो-दो घंटे स्मार्ट क्लास का संचालन

Written by Gaurav Singh

Smart Class: अब स्मार्ट क्लास के जरिए छात्रों को समझने में शिक्षकों को भी आसानी, दो-दो घंटे स्मार्ट क्लास का संचालन

महराजगंज। स्मार्ट क्लास से छात्र-छात्राओं को समझने में आसानी होती है। वहीं शिक्षकों को पढ़ाने में भी दिक्कत नहीं होती है। स्मार्ट क्लास से शिक्षक पढ़ाने के दौरान किसी भी विषय को चित्रों के माध्यम से आसानी से समझा लेते हैं।

 

शहर के पूर्व माध्यमिक विद्यालय महराजगंज प्रथम में संचालित इस व्यवस्था की उपयोगिता समझने के लिए शिक्षकों के साथ-साथ विद्यार्थियों से वार्ता की गई। स्कूल के प्रधानाध्यापक बैजनाथ सिंह ने बताया कि उनके यहां कुल 161 बच्चे नामांकित हैं। रोजाना कक्षा 6, 7, 8 के विद्यार्थियों के लिए दो-दो घंटे स्मार्ट क्लास का संचालन किया जाता है। बच्चे बड़े चाव से स्मार्ट क्लास में अध्ययन के लिए पहुंचते हैं।

 

स्कूल में प्रधानाध्यापक के अलावा सहायक अध्यापक मौसम, वंदना त्रिपाठी व अनुदेशक गणेश प्रसाद और अनुराधा विश्वकर्मा भी डिजिटल बोर्ड पर पढ़ाते हैं। शिक्षक बताते हैं कि स्मार्ट क्लास के जरिए बच्चों को शिक्षा प्रदान करना काफी सुविधाजनक है। टीचिंग मैनुअल सहित आडियो, वीडियो कंटेंट के जरिए पढ़ाने में आसानी रहती है।

कक्षा छह के शिवम और रोनिका ने बताया कि स्मार्ट क्लास में पढ़ाई का हर दिन इंतजार रहता है, क्योंकि सीखने में काफी आसानी होती है। सातवीं कक्षा की फरजाना और रिया का कहना है कि स्मार्ट क्लास के जरिए हर विषय पढ़ने में आसान लगता है। सबसे अधिक मदद भूगोल को पढ़ने में मिलती है। आठवीं दर्जे के विशाल, अखंड प्रताप व रेखा ने कहा कि डिजिटल तरीके से पढ़ाई में कार्टून इत्यादि से काफी मदद मिलती है। स्मार्ट क्लास से सीखने और समझने की क्षमता बढ़ी है।

314 स्कूलों में स्मार्ट क्लास का होता है संचालन

जिले में 1705 परिषदीय स्कूल हैं। इन स्कूलों में 2.46 लाख बच्चे नामांकित हैं। छात्र-छात्राओं को आधुनिक तरीके से शिक्षण कार्य कराने के लिए विद्यालय में स्मार्ट क्लास की सुविधा भी है, जिससे ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन भी पढ़ाई कराई जा सके। बेसिक शिक्षा विभाग के आंकड़ों की मानें तो जनपद के लगभग 500 स्कूलों में स्मार्ट क्लास की सुविधा है। 314 स्कूलों में तो पिछले वर्ष ही यह व्यवस्था प्रदान की गई है। पिछले सप्ताह इन स्कूलों के एक-एक शिक्षक को स्मार्ट क्लास संचालित करने का प्रशिक्षण भी डायट पर दिया गया। प्रशिक्षण के सहारे शिक्षक आडियो, वीडियो, कार्टून व अन्य गतिविधियों से बच्चों को शिक्षित करने का कार्य कर रहे हैं।

 

परिषदीय स्कूलों में स्मार्ट क्लास से शिक्षण कार्य कराने के लिए एलईडी की व्यवस्था कराई गई है। ऑनलाइन उपलब्ध कंटेंट के माध्यम से शिक्षकों को पढ़ाने में व विद्यार्थियों को समझने में आसानी होती है। विभाग का लक्ष्य है कि सभी परिषदीय स्कूलों में यह व्यवस्था प्रभावी की जाए।

-श्रवण गुप्ता, बेसिक शिक्षा अधिकारी

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