UP 69000 Shikshak Bharti: नई मेरिट लिस्ट पर सुप्रीम कोर्ट में यूपी शिक्षक भर्ती मामला, जान लें ताजा अपडेट
69000 Shikshak Bharti Case Latest Update: शिक्षक भर्ती में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा पहले जारी की गई सूची रद्द करने का फैसला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। जनरल वर्ग के दो चयनित और एक अचयनित उम्मीदवार ने फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। इससे पहले ओबीसी उम्मीदवारों ने इस मामले में कैविएट दाखिल की थी।
हाईकोर्ट की खंडपीठ के आदेश को रोक लगाने के लिए यह याचिका दाखिल की गई। याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार इस भर्ती की मूल चयन सूची न बनाए, जिससे जनरल कैटेगरी के छात्रों को अहित न हो। ओबीसी, एससी अभ्यर्थियों ने नई लिस्ट बनाने में देरी करने के मामले में दो सितंबर को मुख्यमंत्री आवास घेरने का आह्वान किया है।
19 हजार की चली जाएगी नौकरी
जनरल कैंडिडेट्स की तरफ से विनय पांडेय और शिवम पांडेय ने सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। ओबीसी उम्मीदवारों ने पहले ही सुप्रीम कोर्ट में कैविएट डाल दी थी। इस तरह शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की गई हैं। हाईकोर्ट की खंडपीठ के आदेश के मुताबिक, यदि नई चयन सूची बनती है तो 19000 शिक्षक लिस्ट से बाहर हो जाएंगे। वहीं 69000 शिक्षक भर्ती के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने महानिदेशक स्कूली शिक्षा कंचन वर्मा और जॉइंट डायरेक्टर गणेश कुमार से मुलाकात की। अधिकारियों से मिलकर 69000 शिक्षक भर्ती के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी निराश हुए। इसके बाद उन्होंने सीएम आवास घेराव करने का ऐलान कर दिया।
ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट इसलिए डाली है ताकि शीर्ष अदालत कोई फैसला देने से पहले उनका पक्ष भी सुने। इस याचिका में मांग की गई है कि अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों के समायोजन की स्थिति में हाई कोर्ट में याचिका दायर करने वाले 4 हजार ओबीसी अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिले, नहीं तो वे अनारक्षित वर्ग के समायोजन का विरोध करेंगे। 2019 में योगी सरकार ने 69 हजार शिक्षकों की भर्ती की थी।