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UP Teacher Recruitment: 69 हजार शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी हाई कोर्ट के फैसले के बाद पहुंचे लखनऊ, ज्वाइनिंग शेड्यूल जारी करने की मांग

UP Teacher Recruitment: 69 हजार शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी हाई कोर्ट के फैसले के बाद पहुंचे लखनऊ, ज्वाइनिंग शेड्यूल जारी करने की मांग

हाई कोर्ट की डबल बेंच लखनऊ ने 69000 शिक्षक भर्ती से जुड़ा बड़ा फैसला दे दिया है। कोर्ट ने 3 महीने में नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दे दिया है। वहीं सीएम योगी ने किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होने के निर्देश दे दिए हैं। अब अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर धरना देने पहुंच गए हैं।

 

उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाई कोर्ट की डबल बेंच के आदेश के बाद 69 हजार शिक्षक भर्ती का मामला गरमा गया है। कोर्ट के फैसले को एक ओर जहां योगी सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, वहीं दूसरी ओर यूपी सरकार में कुछ मंत्रियों व विपक्षी दलों के नेताओं ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। इसी बीच 69 हजार भर्ती से जुड़े अभ्यर्थी लखनऊ के निशातगंज स्थित SCERT कार्यालय पर अपनी मांगों को लेकर धरना देने पहुंच गए हैं। अभ्यर्थियों ने कहा कि सरकार लिखित रूप से शेड्यूल जारी करें कि कब काउंसलिंग और ज्वाइनिंग होगी। तभी हम यहां से जाएंगे। साथ ही पुराने अधिकारियों को जेल भेजने के साथ ही उनकी जगह नए अधिकारियों की नियुक्ति करने की भी मांग की है।

दरअसल कोर्ट के आदेश के बाद 69 हजार शिक्षक भर्ती को लेकर न्याय लगा रहे अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है। हालांकि अफसरों की लेटलतीफी से मामला फंसने के डर से अभ्यर्थी बड़ी संख्या में धरना देने मंगलवार को SCERT पहुंच गए हैं। वहीं अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थी अमरेंद्र ने कहा कि हम लोग नौकरी मिलने के बाद ही संतुष्ट होंगे। क्योंकि आदेश और निर्देश कई बार देख लिया है। जो अधिकारी भ्रष्ट है, जिन्होंने घोटाला किया है, इनकी वजह से रिजर्व कैटेगरी के अभ्यर्थी सड़कों पर बैठने पर मजबूर हुए हैं। उन्ही अधिकारियों को फिर से आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि आदेश तो ये होना चाहिए था कि इस भर्ती से जुड़े जितने भी अधिकारी है, उन्हें जेल भेजना चाहिए था। इनकी जगह नए अधिकारी नियुक्त होते। तब हम मानते की योगी सरकार ने इन अधिकारियों पर बुलडोजर चलाया है। इस डर से अब अधिकारी पिछड़े-दलित अभ्यर्थियों के साथ कोई गलत काम नहीं करेंगे।

 

शिक्षक ज्वाइनिंग डेट तय की जाए

अभ्यर्थियों ने मांग करते हुए कहा कि सरकार लिखित रूप से हमारा शिड्यूल जारी करे कि किस तारीख को काउंसलिंग होगी और किस तारीख को नियुक्ति होगी। साथ ही किस डेट को ज्वाइनिंग होगी, तभी हम लोग यहां से जाएंगे। पीड़ित अभ्यर्थी ने कहा कि अब पिछड़े दलित सिर्फ ठगे नहीं जाएंगे। हर बार हम लोग आश्वासन और निर्देश लेकर चले जाते थे। लेकिन जब हम यहां कार्यालय पर आते थे तो हमें कोई अधिकारी मिलने तक नहीं है। हमें भगा दिया जाता था। अमरेंद्र ने बताया कि अब न्याय करना पड़ेगा। हम लोग आंदोलन, पुलिस, लाठी, मुकदमा सब कुछ झेल चुके हैं, अब क्या बचा है। यहां सब शिक्षक है, कोई आतंकवादी नहीं है।

 

सुप्रीम कोर्ट न जाए भर्ती मामला

अभ्यर्थी ने बताया कि जिन अभ्यर्थियों की नौकरी जाने का डर है, उन शिक्षकों को भी बुलाया जाए। सरकार हम लोगों को बैठाकर बताए कि किसी की नौकरी नहीं जाएगी। सभी को संतुष्ट करे। सरकार इस मामले को लटकाना चाहती है। उन्होंने कहा कि हम अभ्यर्थी है, चाहे एससी, ओबीसी या जनरल वर्ग के हो, हम सभी भाई हैं। हम नहीं चाहते कि कोई सुप्रीम कोर्ट जाए। उन्होंने कहा कि जो घर में बैठकर नेतागिरी कर रहे हैं, सीएम योगी उन्हें जेल भेजें। वहीं महिला अभ्यर्थी ने कहा कि अब हाई कोर्ट की डबल बेंच का आदेश आ गया है। हमारी सरकार से मांग है कि सरकार जल्द से जल्द हमारा शेड्यूल जारी करें। वाराणसी से आई महिला अभ्यर्थी ने बताया कि हमारी तीन महीने की बच्ची थी, तब से अपनी मांगों को लेकर आ रहे हैं। न्याय की गुहार लगाते हुए चार साल हो गए हैं। हम लोग बार-बार आ रहे हैं।

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Gaurav Singh

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