Budget 2024 Expectations: बजट 2024 में आम आदमी को इनकम टैक्स में छूट क्यों मिलनी चाहिए?
बजट 2024 में नई टैक्स व्यवस्था, स्टैंडर्ड डिडक्शन और NPS में बदलाव की उम्मीद है। आकलन वर्ष 2022-23 से 2018-19 तक 5.5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये कमाने वाले लोग सबसे ज़्यादा टैक्स (औसतन 18%) देते हैं। इस बीच सरकार का टैक्स कलेक्शन भी बढ़ा है। ऐसे में मिडिल क्लास को इस बजट में राहत देने की जरूरत है।
आम आदमी को उम्मीद है कि बजट 2024 में टैक्स में कुछ राहत मिलेगी। मीडिल क्लास चाहता है कि इनकम टैक्स कम हो। हाथ में खर्च करने के लिए ज्यादा पैसे आएं। ज्यादातर लोग 5.5 लाख से 15 लाख रुपये तक कमाते हैं। इस इनकम क्लास में सबसे ज्यादा लोग आईटीआर फाइल करते हैं। यह और बात है कि उन्हें टैक्स में बहुत ज्यादा छूट नहीं मिलती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि मीडिल क्लास को टैक्स में राहत देना जरूरी है, फिर भले ही इससे सरकार को कम टैक्स मिले। मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश करेंगी।
इस साल जुलाई तक सरकार को टैक्स से अच्छी कमाई हुई है। इनकम टैक्स तो पिछले साल के मुकाबले 23 फीसदी ज्यादा मिला है। मीडिल क्लास की कल पेश होने वाले बजट से कुछ खास उम्मीदें हैं। इनमें टैक्स की स्लैब में बदलाव, स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी, NPS में पेंशन की गारंटी, नए टैक्स सिस्टम में और फायदे, घर खरीदारों के लिए मदद शामिल हैं। जानकारों का मानना है कि 15 लाख से ज्यादा कमाई पर 30 फीसदी टैक्स बहुत अधिक है। टैक्स स्लैब को धीरे-धीरे बढ़ाना चाहिए।
मिडिल क्लास पर टैक्स का सबसे ज्यादा बोझ
नंगिया एंडरसन में डायरेक्टर नीरज अग्रवाल के मुताबिक, असेसमेंट ईयर 2022-23 से लेकर 2018-19 तक के इनकम टैक्स के आंकड़ों को देखें तो पता चलता है कि 5.5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक की आमदनी वाले लोग सबसे ज्यादा इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं। औसतन 18 फीसदी इनकम टैक्स का बोझ उन्हीं पर होता है। मीडिल क्लास के इस तबके को 20.8 फीसदी से लेकर 31.2 फीसदी तक की दर से टैक्स देना पड़ता है। इसके बावजूद सैलरी से होने वाली कमाई पर डिडक्शन केवल 50,000 रुपये तक सीमित है। खुद के घर के ब्याज पर डिडक्शन केवल 2 लाख रुपये प्रति वर्ष तक ही है।